उद्देश्य :
1 – परस्पर देवो भव्य के सिद्घान्त पर विश्व मैत्री विकसित करना।
2 – सिद्धों की शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार करना।
3- प्राचीन सिद्ध परम्परा अन्त्रावालोकन कर अनुसंधान करना।
4- सिद्ध साहित्य का प्रकाशन करना।
5 – ध्यान साधना शिविर आयोजित करना